Saturday, November 23, 2019

Gender based Reporting PCI National Award for Excellence in Journalism


राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने रूबी सरकार को सम्मानित किया




देश को आज़ादी दिलाने में स्वतंत्र प्रेस की अहम भूमिका : उपराष्ट्रपति
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देशबन्धु की विशेष संवाददाता रूबी सरकार को लैंगिक समानता श्रेणी के पुरस्कार से सम्मानित किया। सुश्री सरकार को इससे पहले वर्ष 2018 में भी ग्रामीण पत्रकारिता के लिए भारतीय प्रेस परिषद की ओर से तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सम्मानित किया था।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने प्रेस की आजादी की वकालत करते हुए कहा, कि इससे जनता के हितों की रक्षा होती है। श्री नायडू ने कहा, कि देश को आज़ादी दिलाने में स्वतंत्र प्रेस की अहम भूमिका रही है। आज़ादी के बाद आपातकाल में प्रेस की आवाज़ जरूर दबाई गई थी, लेकिन रामनाथ गोयनका जैसे पत्रकारों ने इसका खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा, कि प्रेस की आज़ादी से सरकार की गलत नीतियों व कार्यों की आलोचना की जा सकती है। स्वतंत्र प्रेस अच्छा काम कर रहे लोगों को आगे लाने का काम करती है। लेकिन पत्रकारों को लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए, कि सबसे ऊपर देश है।

मुर्खतापूर्ण है सनसनीखेज $खबर
पत्रकारिता के बदलाव पर श्री नायडू ने कहा, कि पहले इसे राष्ट्र के लिए मिशन माना जाता था, लेकिन अब यह कुछ के लिए कमीशन का खेल हो गया है? कार्यक्रम के विषय 'रिपोर्टिंग- व्याख्या- एक यात्राÓ पर कहा, कि अब समाचार और विचार दोनों को मिला दिया गया। यह सबसे बड़ी समस्या बन गई है।
श्री नायडू ने कहा, कि पहले लोगों को समाचार देना चाहिए, फिर कोई भी इस पर विचार दे सकता है। उन्होंने कहा, सूचनाएं सत्य और पुष्ट होनी चाहिए। आज ऐसा नहीं हो रहा है। सनसनीखेज खबरें बनाई जा रही हैं, जो मूर्खतापूर्ण हैं।  उन्होंने कहा, कि मीडिया का काम सच बाहर निकालने का है। उन्होंने कहा, कि सरकार ने कई कानून बना रखे हैं, लेकिन मीडिया संस्थानों को खुद ही आचार संहिता बनानी चाहिए। नायडू ने कहा, कि आजकल राजनीतिक दल और नेता भी अखबार निकाल रहे हैं। इससे वह खुद को प्रोजेक्ट करने के साथ प्रोटेक्ट करते हैं। राजनीतिक दल भले ही अखबार निकाले, लेकिन लोगों को यह बताये, कि यह उनकी पार्टी का अखबार है। इसी तरह कई उद्यमी खुद के बिजनेस को प्रोटेक्ट और प्रमोट करने के लिए चैनल चला रहे हैं। उन्होंने कहा, कि लोग सब समझते हैं और कहते हैं, कि अमुक चैनल या अखबार इसका है, इसलिए ऐसा लिखा होगा।
आज़ादी के बाद आपातकाल में प्रेस की अज़ादी पर संकट आया
विशेष अतिथि सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ से खतरे की ओर इशारा करते हुए कहा, कि इसे कुछ हद तक रोकने में भारतीय प्रेस परिषद ने अहम भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा, कि आज़ादी के बाद सिर्फ आपातकाल में प्रेस की आज़ादी पर संकट आया। इसके खिलाफ हम सबने मिलकर लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि मेरे पिता पत्रकार थे, उन्होंने भी इसका विरोध किया था। प्रेस की आज़ादी का उल्ल्ेख करते हुए उन्होंने कहा, कि आज़ादी मुफ्त में नहीं मिलती है, बल्कि जिम्मेदारी भी साथ लेकर आती है। 'रिपोर्टिंग- व्याख्या- एक यात्राÓ विषय पर उन्होंने कहा, कि व्याख्या में ही गड़बड़ी की आशंका है। फेक न्यूज़ पर उन्होंने कहा, चिंता जताई और कहा कि इससे मीडिया की टीआरपी भी गड़बड़ा गई है। श्री जावडेकर ने कहा, बच्चों के अगवा करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की फर्जी खबर से 20 लोगों की जान चली गई। इसी तरह अयोध्या फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उच्च्तम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को धन्यवाद पत्र लिखने की फेक न्यूज़ सोशल मीडिया पर चला दी गई, इसलिए अब पेड न्यूज के मुकाबले फेक न्यूज का खतरा भी बढ़ रहा है।
गौरतलब है, कि इसी समारोह में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को राजा राममोहन राय प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही संजय सैनी व राज चेनगप्पा को ग्रामीण पत्रकारिता, शिवा स्वरूप अवस्थी और अनु अब्राहिम को डेवलपमेंट रिपोर्टिंग, पीजी उन्नीकृष्णन व अकील इएस को फोटो पत्रकारिता, शिप्रा दास को फोटो फीचर, सौरभ दुग्गज को खेल पत्रकारिता, कृषणन कौशिक व संदीप सिंह को फाइनेंनशियल रिपोर्टिंग तथा अनुराधा को जेंडर आधारित रिपोर्टिंग के लिए सम्मानित किया गया।