नातरा-झगड़ा कुप्रथा के खिलाफ राजगढ़ में महिलाओं का लाल चुनर गैंग
रूबी सरकारमध्य प्रदेश की राजगढ़ ग्राम भोनीपुरा निवासी पिंकी तंवर जब 10 साल की थी, तब उसके पिता ने उसका नातरा ग्राम भोनीपुरा में गिरधारी तंवर के साथ कर दी थी। अभी पिंकी 19 साल की है। हाल ही में पिंकी के पति का एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अब उसके खुद के पिता,भाई, मामा एवं अन्य परिजन उसकी सहमति के बिना उसे पांच लाख रुपए में एक अन्य बुजुर्ग को बेच दिया ,जिसकी पहले से ही दो पत्नी है , दोनों उसके साथ ही रहती हैं , परंतु पिंकी उस बुजुर्ग के साथ जाना नहीं चाहती थी , इसलिए वह अपने सास-ससुर के पास भाग गई। लेकिन उसके परिजन वहां जाकर आगजनी करने की धमकी दे रहे हैं। वे पिंकी पर उस बुजुर्ग से शादी करने के लिए दबाव बना रहे है। पिंकी ने इसकी जानकारी संबंधित थाने में दी और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक उसे थाने से सुरक्षा की कोई मदद नहीं मिली। अ ब वह उच्च अधिकारियों के यहां अर्जी देकर सुरक्षा की मांग कर रही है। पिंकी की तरह ही राजगढ़, गुना, शाजापुर मंदसौर , चाचौड़ के साथ ही राजस्थान के झालावाड़, चित्तौड़गढ़, बारा आदि जिलों की हजारों लड़कियां नातरा जैसी कुप्रथा का दंश झेली रही हैं।
दरअसल नातरा कुप्रथा यहां सदियों से चली आ रही हैं। यह प्रथा बचपन में सगाई होने या शादी के बाद वैवाहिक संबंधों में समस्या आने पर या पति या पत्नी में किसी प्रकार की कोई अनबन के कारण जब दोनों अलग होते हैं वर पक्ष वाले बधु पक्ष से एक मोटी रकम की मांग करते हैं जो रकम लाखों में यहां तक कि 20 लाख रुपए से अधिक भी हो सकती है। इसमें गलती किसी की भी हो प्रायः रकम लड़की वालों को ही चुकानी पड़ती है। नातरा शादी के नाम लड़की को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मोटी रकम लेकर बेच देने जैसा है। नातरा प्रथा के नाम पर लड़कियों को कई बार बेचा और खरीदा जाता है। इसमें लड़की की इच्छा मायने नहीं रखती । उसकी रजामंदी नहीं ली जाती है और विरोध करने पर उस पर इतना अत्याचार किया जाता है कि कई बार तो वह स्वयं परेशान होकर आत्महत्या कर लेती है या फिर उसकी हत्या कर दी जाती है । यदि वह विरोध करती है तो उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है। यहां तक कि लड़की का अपहरण भी कर लिया जाता है।
ऐसा ही एक वाकया संतोष तंवर के साथ हुआ है। बचपन में संतोष की सगाई उसके परिजनों ने जिस लड़के के साथ की थी। बड़ा होने पर उस लड़के ने अपनी पसंद से शादी कर ली। अब झगड़ा प्रथा से बचने के लिए संतोष के ससुराल वाले लड़के के दिव्यांग भाई से उसकी शादी करवाना चाहते हैं। संतोष इसके लिए तैयार नहीं है। शादी से इंकार करने पर संतोष के घर वालों से 10 लाख रुपए की मांग की जा रही है। इस झगड़े को खत्म करने के लिए पंचायत बैठी , जिसने 10 लाख के बजाय 8 लाख रुपए देने का फरमान सुना दिया। वरना संतोष को उठा ले जाने की धमकी दे रहे हैं। संतोष का परिवार बहुत गरीब है। घर-खेत बेचकर भी उसके परिजन इतना पैसा नहीं जुटा सकते। लिहाजा संतोष पर दोनों तरफ से भरी दबाव है कि वह उसी से शादी कर ले। इस समय संतोष निजी संस्थाओं और पुलिस से मदद के लिए चक्कर काट रही है। जिससे उसकी सुरक्षा हो जाए। सरकार की ओर से इस प्रथा को बंद करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है। पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं करती । राजनेता इस प्रथा को खत्म करने के लिए कोई कानून नहीं बनाते , क्योंकि राजगढ़ में तंवर और सोंधिया की बहुत बड़ी आबादी है, इसमें उन्हें वोट खिसकने का खतरा नजर आता है। लिहाजा सदियों से यह कुप्रथा बदस्तूर चली आ रही है।
लाल चुनर गैंग की संयोजक मोना मस्तानी बताती हैं कि राजगढ़ जिला आकांक्षी जिलों में शामिल हैं। विकास की दौड़ में यह जिला काफी पिछड़ा है। इस कुप्रथा के पीछे अशिक्षा और बेरोजगारी एक प्रमुख कारण है। यहां प्रायः छोटे काश्तकार है। जो खेती के अलावा काम की तलाश में पलायन करते हैं। कुछ बड़े काश्तकारों के यहां मजदूरी करते हैं। इसिलए यहां के लोग इसे मोटी कमाई का एक जरिया बना रखा है। इसके पीछे मध्यस्थता करने वालों की भी बड़ी भूमिका है। समझौते के नाम पर उन्हें झगड़े वाली रकम से दलाली मिल जाता है। झगड़े की रकम जितनी मोटी होगी, उन्हें दलाली भी उतनी तगड़ी मिलेगी । मोना बचपन से ही यह सब देखती आ रही थी । उन्होंने इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए पीड़ित महिलाओं को लेकर लाल चुनर गैंग बनाया । इस कुप्रथा को खत्म करने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। अब धीरे-धीरे राजनेता भी इस गैंग के समर्थन में आगे आ रहे हैं। राजनेता सामाजिक मदद देने की बात कर रहे है। मोना कहती है कि अगर किसी गरीब लड़की से नातरा तोड़ने पर झगड़ा मांगा जाता है, तो गैंग धावा बोलती हैं साथ ही पीड़ित को इसके लिए कानूनी मदद भी दी जाती हैं। वह कहती है कि इसे खत्म करने के लिए जो मोटी रकम मांगते हैं उन पर सामाजिक दबाव बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमने उन सारी पीड़ित लड़कियों को इकट्ठा किया है और उन सबसे आवेदन लेकर प्रशासन को सौंपा है और उन लड़कियों की सुरक्षा की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस कु प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार पर कानून बनाने का दबाव बनाउंगी। ताकि कमजोर लड़कियां भी अपने भविष्य के फैसले खुद ले सके।
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