Thu, Jun 13, 2019, Pratham Prawakta Magazine Delhi
यूॅ ही नहीं बढ़ा नरेन्द्र का नरेन्द्र पर भरोसा
रूबी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी की धमाकेदार शुरुआत में मध्यप्रदेश के जिन चेहरों पर उन्होंने भरोसा दिखाया है ,उससे संदेश यह जाता है, कि वे जिन वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें जो विभाग दिए गए थे, उसके माध्यम से उन मंत्रियों ने प्रदेश में भाजपा की जमीन और अधिक मजबूत की है। भले ही लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे पर भाजपा को प्रचण्ड जीत मिली हो, लेकिन राज्यों में जब स्थानीय मुद्दों पर चुनाव की नौबत आयेगी, तब लोगों का नये सिरे से विश्वास जीतना विभागों में इन चेहरों के प्रदर्शन क्षमता पर निर्भर करेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में न तो कांग्रेस पूरी तरह चुनाव जीती और न ही भाजपा पूरी तरह हारी। कुछ सीटों से ही पिछड़ जाने के कारण मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बन गई। लेकिन जब भी आगे विधानसभा चुनाव की नौबत आयेगी, तो फिर जनता के बीच भाजपा की राह आसान बनाने के लिए ही आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। किसानों व ग्रामीण विकास जैसे जुड़े महकमे का जिम्मा अगड़े वर्ग के प्रभावशाली चेहरा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया है। जिस ढंग से नरेंद्र सिंह तोमर के कद बढ़ा है और उन्हें कृषि के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास जैसे बड़े और गांव की रीढ़ माने जाने वाले विभाग सौंपे गये हैं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार अपनी पहली पारी में चुनौतियों पर खरा उतरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नरेंद्र सिंह तोमर पर भरोसा और अधिक बढ़ गया है । क्योंकि पिछले कार्यकाल के दौरान उन्हें जो भी दायित्व सौंपे गए थे,उसकी कसौटी पर वे खरे उतरे और उनका प्रदर्शन काफी अच्छी रहीं।
नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के साथ समय-समय पर कई अन्य विभागों का अतिरिक्त प्रभार भी श्री तोमर ने बखूबी संभाला। उन्हें सरकार में सबसे बेहतर मंत्री माना जाता है, क्योंकि वे हर चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलता के साथ अंजाम देने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री की ग्रामीण आवास योजना का जमीनी धरातल पर उन्होंने सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करायाए। पूरे भारत में आकांक्षी जिलों के लिए रोडमेप तैयार किये तथा प्रधानमंत्री की महात्माकांक्षी आवास योजना को अमलीजामा पहनाया। इसी का नतीजा था, कि जिन परिवारों को सर पर छत मिली वे परिवार भाजपा से जुड़ते चले गये।
श्री तोमर केवल सरकार में सफल मंत्री ही नहीं रहे, बल्कि संगठन में भी उनकी छवि एक कुशल नेतृत्व के रुप में बनीं। मध्यप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर दो बार मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री के रुप में उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य के प्रभारी भी रहें। उमा भारती ही नहीं, बल्कि बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान की सरकारों में भी वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ-साथ जनसंपर्क विभाग को भी संभाला। उन्हें संगठन व सत्ता दोनों का अच्छा खासा अनुभव है। मोदी मंत्रिमंडल में उनका कद न केवल विभाग के रुप में बल्कि वरिष्ठता के क्रम में भी काफी बढ़ गया है और वे पिछली मंत्रिपरिषद में जहां 15वीं पायदान पर थे, तो अब 7वें पायदान पर पहुंचकर टॉप टेन में शामिल हो गए हैं। ग्रामीण अंचल एवं किसान दो ऐसे क्षेत्र हैं , जिनमें अनेक चुनौतियों से नई सरकार को जूझना है और इन दोनों के बीच सरकार की साख बढ़ाने का दायित्व तोमर के कंधों पर है।
मंत्री मद संभालते ही उन्होंने ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान में क्रांतिकारी बदलाव कर नया प्लान बनाया है, जिसे हर पंचायत में लागू किया जायेगा और इससे गांव के समग्र विकास होने की संभावना है। श्री तोमर ने गांवों के आम आदमी के जीवन में खुशहाली लाने की दृष्टि से कुछ अलग प्रयास भी करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा, कि गांव में भरपूर हरियाली बनाए रखने के प्रयास होंगे। इसके लिए सभी विभागों की योजनाओं का समन्वय भी सुनिश्चित करेंगे, जिससे बेहतर ढंग से काम हो सके। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत का सपना पूरा करने के लिए हर गांव में सामुदायिक कक्ष और खेल के मैदान के साथ-साथ बढिय़ा ड्रेनेज सिस्टम, स्वच्छ वातावरण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे।
किसानों की आय वर्ष 2022 तक दुगुनी करने का लक्ष्य और ग्रामीण अंचलों में विकास की गति तेज कर पलायन रोककर ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर बदलाव का अहसास कराने वाला महत्वपूर्ण विभाग श्री तोमर के पास है। श्री तोमर का मानना है, कि किसानों की समस्याओं का हल कर्जमाफी से नहीं होगा। किसानों को खुशहाल बनाने के लिए उनकी बुनियाद को मजबूत करने के साथ आमदनी दोगुना करनी होगी। देश के 14 करोड़ 50 लाख किसानों के खाते में सम्मान योजना के तहत 6 हजार रुपए पहुंच रहा है। इसके साथ ही 2022 तक हर आवासहीन के पास खुद का घर बनाने की सबसे बड़ी चुनौती हमारे सामने है। तोमर बताते हैं, कि पूर्ववर्ती सरकार देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों को कुल 60 हजार करोड़ रुपए बजट देती थी, लेकिन मोदी सरकार इससे तीन गुना अधिक अर्थात 2 लाख 292 करोड़ रुपए का बजट दे रही है। हमने हर गांव के विकास के लिए उसके अलग से प्लान पर काम शुरू करवाया है। हर गांव का विकास उसके लिए बने प्लान के आधार पर ही करवाया जाएगा। इसके तहत हर गांव को आदर्श बनाने की योजना है, गांव की समस्याओं का स्थायी हल भी देंगे। चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओंए टीकाकरण अथवा पशुपालन का मामला हो या फिर जल संकट, उसका एक मुश्त समाधान ढूंढा जाएगा। यदि गांव में पानी नहीं है, तो एक बार में पूरी विकास की राशि खर्च कर स्थायी समाधान करेंगे।
मध्यप्रदेश में हमेशा से किसानों और ग्रामीणों के बीच से होकर ही सत्ता का रास्ता गुजरता है और इन दोनों वर्गों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ दिया था। किसानों व ग्रामीणों को फि र से भाजपा की ओर लाने की अहम जिम्मेदारी भी श्री तोमर पर है। हालांकि वे ग्वालियर.चम्बल संभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं और स्वयं अगड़ी जाति के हैं, लेकिन प्रदेश स्तर पर भाजपा में वे सबसे स्वीकृत नेता हैं ,इसलिए पूरे प्रदेश की जनता पर उनकी पकड़ है और प्रदेश की जनता भी उन पर भरोसा करती है।
विद्यार्थी जीवन से ही वे छात्र राजनीति से जुड़े रहे श्री तोमर का जन्म प्रदेश ग्वालियर -चम्बल इलाके के मुरैना जिले की पोरसा तहसील के गांव औरेठी के किसान परिवार में 12 जुन,1957 ाके किसान मुंशी सिंह तोमर के घर हुआ था। देश की राजनीति करने की बुनियाद उनमें वर्ष 1979 से ही पड़ चुकी थी, जब वे शासकीय महाविद्यालय मुरार के छात्र संघ अध्यक्ष बनेे । ग्वालियर नगर निगम में वे पार्षद रहे। बिना थके और निराश न होते हुए वे एक-एक कदम आगे बढ़ाते रहे। और एक दिन राजनीति के शिखर तक पहुंचे। इसलिए शायद वे सबसे अधिक अनुभवी माने जाते हैं। वे भरतीय युवा संध के अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, ग्वालियर के जिला मंत्री और प्रान्तीय मंत्री से प्रांतीय उपाध्यक्ष के पद को सुशोभित किया। ग्वालिय से पहली बार 1998 में विधायक बने और वर्ष 2003 में प्रदेश के केबिनेट मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ग्रामोद्योग, मछलीपालन एवं पशुपालन बने। वर्ष 2008 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उन्हें उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सम्मानित किया। वर्ष 2006 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चुने गयेऔर वर्ष 2009 में निर्विरोध राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। पहली बार 2009 में वे मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए और 2010 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री । वर्ष 2012 में वे पुन: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए । वर्ष 2014 में ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद मोदी मंत्रिमण्डल में शामिल हुए। उन्हें इस्पात, खान, श्रम एवं रोजगार जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभालने का मौका मिला। वर्ष 2019 में पुन: मुरैना की जनता ने उन्हें विजयी बनाया।
No comments:
Post a Comment