Monday, June 12, 2023

जब महिलाओं ने रुकवाई नियम विरुद्ध काम

 



जब महिलाओं ने रुकवाई नियम विरुद्ध काम  

Ruby Sarkar

जिला मंडला के बुढ़नेर नर्मदा महिला संघ की 60 सदस्यों और गांव की जागरूक महिला पंचों को प्रदान संस्था ने छत्तीसगढ़ के जिला धमतरी के ग्राम छींदभर्री में मनरेगा कार्यों से गांव में आए बदलाव  दिखाने भ्रमण पर ले गया। वहाँ महिलाओं ने जाना कि कैसे गांव के लोग आपस में मिलकर विकास की योजना बना रहे हैं और उसी के अनुसार कार्य स्वीकृत करवाकर उसे पूरा कर रहे हैं।
भ्रमण से लौटकर महिला सदस्यों ने जो कुछ देखा और सीखा उसे समूह व व्ही. एल. सी.से साझा किया और कहा, कि अपने गॉव में भी इसी तरह से काम होना चाहिए । सदस्यों ने जाना, कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम में मनरेगा के  तहत जिले में सघन सहभागी पद्वति- 2  के अनुसार गांव वाले योजना तैयार कर सकते हैं । जबकि ग्राम पंचायतों में  नियम के विरुद्ध योजनाएं तैयार कर जनपद पंचायत व जिला पंचायत को भेजी जाती है।  उसी के अनुसार गांवों में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम संचालित किये जाते है ।
अधिनियम का सहारा लेकर संघ के 15 गांवों में महिलाओं ने अपने-अपने गांव में चल रहे मनरेगा के कामों को रुकवा दिया और जनपद पंचायत जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी से बात की। महिलाओं ने छत्तीसगढ़ में ऑखों देखी सघन सहभागी पद्वति- 2 के बारे में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जानकारी दी। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओजस्वी महिलाओं को देखकर उन्हें यह  आश्वासन दिया, कि भविष्य में ऐसे ही इस जनपद के गांवों में मनरेगा के कार्य होंगे। आश्वासन मिलने पर महिलाओं ने अपने-अपने गांव के लिए योजना बनाई और उसकी गतिविधियों केा ड्राइंग शीट में तैयार कर ग्राम सभाओं में रखा। उनके द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना को पंचायत के पुरुष मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन संघ की महिला सदस्य नियम विरूद्ध काम करवाने को तैयार नहीं थी, लिहाजा वे दोबारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मिली और उनके सामने सारी बातें रखी । महिलाअेां  की शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उन गांवों में स्वयं जाकर मनरेगा के कार्यों का आकलन किया और संघ के महिला सदस्यों की बात पर अमल करते हुए ग्राम विकास में महिलाओं द्वारा तैयार की गई कार्य योजना  के अनुसार विकास कार्यों को स्वीकृति दी। अब ग्राम विकास के कार्य महिला संघ के सदस्यों द्वारा बनाये के अनुसार किये जा रहे हैं।
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समूह ने रोकी कन्या भ्रूण हत्या
Ruby Sarkar

स्व सहायता समूह की नियमित बैठकों से महिलाएं इतनी जागरूक हो गई है, कि उनसे कोई भी गैर कानूनी काम छुपाना मुश्किल हो गया है । मंडला जिले के मनेरी गांव में स्व सहायता समूह की बैठक में सामुदायिक संगठन अभिलाषा दुबे को एक सदस्य ने यह जानकारी दी, कि सविता नाम की महिला पास के एक अस्पताल में गर्भपात कराने के लिए गई थी, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर के न मिलने के कारण वापस घर लौट आई। दूसरे दिन वह महिला फिर से अस्पताल जाने की तैयारी कर रही थी, तभी समूह के सदस्यों ने सामुदायिक संगठक को इसकी सूचना दी। इसके बाद उन्होंने ग्राम विकास समिति सदस्यों और शौर्या दल सदस्यों को बुलाया और सविता से बात की। पहले तो सविता ने डर के कारण कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, काफी समझाने के बाद उसने बताया, कि उनकी पहले से ही दो बेटियां हैं और उसका पति इस डर से, कि कहीं तीसरी भी बेटी न हो जाए, जबरन उसका गर्भपात करवाना चाहता है। इस पर स्व सहायता समूह के सदस्यों, ग्राम विकास समति के सदस्यों और शौर्या दल सदस्यों ने सविता को समझाया कि अवैध रूप से लिंग परीक्षण करवाना और भ्रूण हत्या करवाना कानूनन अपराध है। इसके लिए उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है । उसे और उसके पति को अर्थदण्ड के साथ-साथ छह माह के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है। बगैर किसी चिकित्सकीय परेशानी से वह ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकती।  काफी समझाईश का असर सविता और उसके पति पर हुआ और उन्होंने गर्भपात का इरादा छोड़ दिया। कुछ माह पश्चात सविता ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया। आज उसका पूरा परिवार इस फैसले से खुश है।

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