सरपंच ताजुन्निशां ने बेखौफ होकर कब्जे से मुक्त कराया स्कूल
Ruby Sarkarमध्यप्रदेश के रीवा जिले की जनपद पंचायत सिरमौर में शामिल ग्राम पंचायत चौरा की सरपंच ताजुन्निशां एक जाना पहचाना नाम है ।इस पंचायत में पूर्व सरपंचों का दबदबा पहले सही रहता आया है ।ताजुन्निशां के सरपंच बनने के बाद भी उनकी यह उम्मीद थी कि महिला सरपंच सिर्फ नाम के लिए सरपंच करती हैं, वह फैसले लेने का अधिकार पूर्व सरपंच के हाथों में ही रहेगा । किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ सरपंच ताजुन्निशां ने पूर्व सरपंच की इस मंशा को पूरा होने नहीं दिया। सरपंच बनने के बाद वे खुद पंचायत की बैठक की अध्यक्षता करने लगी और सभी फैसले पंचों से चर्चा करके लोकतांत्रिक तरीके से करने लगी ।
दरअसल जब ताजुन्निशां सरपंच निर्वाचित हुई , तो गांव के कुछ दबंग लोगों ने सोचा था वे इस महिला के नाम पर पंचायत का खुद अपना एकाधिकार कायम रख सकेंगे । परंतु नेतृत्व प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह खुद सक्षम हो गई और दबंगों के इस मंसूबे पर पानी फेर दिया । उसे प्रदेष की कानून व्यवस्था पर भरोसा था । एक महत्वपूर्ण घटना में ताजुन्निशां ने शाला भवन को पूर्व सरपंच के कब्जे से मुक्त कराया । उनके द्वारा स्कूल बिल्डिंग का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था और शासन की राशि को निकालकर उसे अपने निजी उपयोग में ले लिया था । जब सरपंच ताजुन्निषां ने पंचायत का कार्यभार संभाला, तो पाया कि स्कूल के इस अधूरे भवन पर पूर्व सरपंच का कब्जा है और वह अपने निजी कामों में इसका उपयोग कर रहा है । इस पर सरपंच ताजुन्निशां ने पूर्व सरपंच से शाला भवन को खाली करने के लिए कहा, जिससे उसका अधूरा काम पूरा करवाकर बच्चों की शिक्षा में उसका उपयोग किया जा सकें। परंतु पूर्व सरपंच ने शाला भवन खाली करने से इंकार कर दिया और सरपंच को धमकी देने लगा, कि यदि आगे इस मुद्दे पर कोई बात की तो ठीक नहीं होगा ।
इस घटना के बाद सरपंच ने पंचायत की बैठक बुलाई और सारी बातें उन्हें बताई । बैठक में निर्णय लिया गया कि यह शाला भवन सरकारी सम्पत्ति है, जिस पर ग्राम वासियों तथा बच्चों का हक है । इसलिए पंचायत के हकों की रक्षा के लिए इस भवन को खाली करवाया जाए । यदि पूर्व सरपंच अपनी मर्जी से भवन खाली नहीं करेंगे, तो महिलाओं एवं ग्रामवासियों का एकत्र कर उसमें रखा पूर्व सरपंच का सामान बाहर निकालकर खाली करवाया जायेगा ।
इस फैसले के बाद सभी महिला जनप्रतिनिधि उस बिल्डिंग में पहुंची और ताला तोड़कर पूरा सामान बाहर फेंक दिया और तुरंत निर्माण कार्य शुरू कर स्कूल भवन के अधूरे काम को पूरा करवाया और अपना ताला लगा दिया ।
इस तरह सरपंच ने दबंग पूर्व सरपंच की हर चाल को नाकाम कर दिया । अब इस भवन में कोई विवाद नहीं है । सरपंच ताजुन्निषां ने विधायक को आमंत्रित कर इस भवन का लोकार्पण समारोह भी आयोजित किया । आज वे खुद पंचायत के काम-काज संभाल रही हैं और पंचायत के फैसले पंचों के साथ मिलकर लोकतांत्रिक ढंग से लेते हुए कई रचनात्मक काम को अंजाम दे रही हैं । ताजुन्निषां बताती हैं, कि सत्ता में अपना वजूद बचाने की कोशिश में उन्हें कई तरह की प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है। लेकिन इससे उसका काम प्रभावित नहीं होता । क्योंकि मुख्यमंत्री हमेशा महिला सरपंचों के कामों की तारीफ करते है ।
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