महिला सरपंच सेवकली बाई ने बदली गांव की तस्वीर
बेहद पिछड़ा बैगा आदिवासी मण्डला के मोहगांव में महिलाओं की स्थिति काफी खराब है। यहां महिलाएं सिर्फ घर और खेतों में काम करती थी। उन्हें किसी और वजह से घर से बाहर जाने की मनाही थी। लेकिन जब से मण्डला में तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम लागू हुआ, तब से महिलाओं की स्थिति में बेहद सकारात्मक परिवर्तन आया है। ओम तेजस्विनी स्व सहायता समूह की सेवकली बाई को शिक्षित होने के कारण सभी महिलाओं ने उसे पंचायत चुनाव में सरपंच का चुनाव लड़ने को प्रेरित किया। चुनाव के दौरान एकजुट होकर समूह की महिलाओं ने उसके लिए प्रचार किये। लिहाजा परिणाम भी सेवकली बाई के पक्ष में आया और वह सरपंच बन गईं। सरपंच बनने के बाद उसने अपने गांव की गड्ढ़ेनुमा सड़कों को समतल और पक्का करवाया। गांव में शौचालयों का निर्माण करवाया । पेयजल के लिए 4 नलकूपों का खनन करवाया। कृषि कार्य के लिए भी अलग से 4 कूपों का खनन करवाया, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा। सेवकली बाई के अथक प्रयास और काम करने की लगन से गांव के वृद्ध एवं विकलांग महिलाओं को पेंशन सहायता मिलने लगी। इस तरह वह अपने गांव में लोकप्रिय सरपंच के तौर पर उभरी और गांव के हित के लिए लगातार काम कर रही हैं। सेवाकली बताती है, कि शिक्षा का महत्व पग-पग पर दिखाई देता है । आपको कोई बेवकूफ नहीं बना सकता । अक्षर ज्ञान सबके लिए जरूरी है, इससे वे स्वयं भी कानून का अध्ययन कर सकते हैं । सरकार हर क्षेत्र में महिलाओं के साथ खड़ी है, इसके बाद भी अगर हम कुछ हासिल न पाये, तो यह हमारी कमजोरी मानी जायेगी । महिलाओं को आगे आकर योजनाओं का लाभ लेना चाहिए । उन्हें स्वयं अपने हक के प्रति जागरूक होना होगा , तभी वह जीवन में अपने लिए सुरक्षित वातावरण बना पायेंगी ।
No comments:
Post a Comment